ॐ नमः श्री गणेशाय नमः, हरे कृष्ण हरे राम, ॐ नमः श्री लक्ष्मी नमः, ॐ नमः श्री गायत्री नमः, श्री गुरुवे नमः ।धर्मो रक्षति रक्षितः🌺माँ तारा कृपा🌺
शीघ्र मंत्र सिद्धि के उपाय
कलि युग में हर कर्मो का फल एक चौथाई (¼) हिस्सा प्राप्त होता है अर्थात, १०० में २५ अंक प्राप्त होंगे। इस तरह हम १०० प्रतिशत कर्म करेंगे तो २५ प्रतिशत ही फल लाभ होगा। परन्तु कुछ विशेष नियम है जिसके द्वारा १०० प्रतिशत से भी अधिक, अपितु कई लाख गुना अधिक फल का लाभ हो सकता है। अमावस्या या पूर्णिमा तिथि, सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण के समय पर यह लाभ सुलभ है।
इन विशेष समय पर साधारण लोगों की मनोकामनाएं, नित्य पूजा करने वालों की पूजा, नित्य मंत्र जप करने वालों के लिए मंत्र की सिद्धि, वाकसिद्धि इत्यादि में सफलता प्राप्त की जा सकती है, ऐसा मानना चाहिए। (* कुछ विशेष साधारण नियम है)
यह सक्रिय करने के लिए संयम, नियम, सदाचार, सत्याचार, नियंत्रित भोजन सेवन आदि का पालन अनिवार्य होगा।यह पालन पहली अमावस्या से अगले अमावस्या तक एक चक्र सम्पूर्ण होगा। अपने इष्ट, कुलदेव-देवी, अथवा मंत्र पर ध्यान केंद्रित करें। मंत्र का पाठ अथवा उच्चारण न करें। बुद्धि द्वारा पाठ करें। इस तरह इन विशेष तिथियों में मंत्र के चक्र को बढ़ा दें।
सूर्य ग्रहण समीप है। भू-भारत पर लागू न भी हो परन्तु, पृथ्वी पर असर है। यह सूर्य ग्रहण का लाभ लिया जा सकता है। यह प्रयोग में सत्य वाणी का प्रयोग करना अनिवार्य है। सदा कोई एक ही मंत्र पर ध्यान केंद्रित करते रहें। जिन्हें गुरु मंत्र प्राप्त नहीं हुआ, इष्ट मन्त्र ज्ञात नहीं, वे जन महामंत्र ‘ हरे कृष्ण हरे राम ‘ पर ध्यान केंद्रित करें।
‘ॐ‘ मन्त्र का जाप नियम अनुसार करें।
सारे सिद्ध मंत्र को सिद्ध करने के लिए शापोद्धार तथा भूत बंधन करना आवश्यक है (सिद्ध मंत्र ऋषि द्वारा शापित है)। इस कारण ‘हरे कृष्ण हरे राम’ सर्वदा महा मंत्र है। यह मंत्र द्वारा इष्ट, कुलदेवी-देव एवं सिद्धि सुलभ है। सकारात्मक मानसिक शक्ति तथा लग्न बल में वृद्धि का अनुभव शास्त्रज्ञों के द्वारा हमने अनुभव किया है। शरीर रचना के चक्रों को जागृत करने में यह तिथियां बल प्रदान करती है। लोक कल्याण हेतु हमने इस पटल पर साँझा किया।
🌸हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे🌸हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे🌸
समरेश