शनि कवचम् |Shani Kavacham
II शनि कवचम् II
श्री शनि चालीसा || चालीसा संग्रह || जय गनेश गिरिजा सुवन। मंगल करण कृपाल। दीनन के दुःख दूर करि। कीजै नाथ निहाल। जय जय श्री शनिदेव प्रभु। सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय। राखहु जन की लाज। जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला। चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट