शुक्र मंत्र। Shukra Mantra

 

।।शुक्र मंत्र।।

 

।।वैदिक मन्त्र।।

 

ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपित्क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।

ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।

 

।।पौराणिक मंत्र।।

 

ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।



।।बीज मंत्र।।

 

ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नमः।

 

।।सामान्य मंत्र।।

 

ॐ शूं शुक्राय नमः।

 

।।शुक्र गायत्री।।

 

ॐ शुक्राय विद्महे, शुक्लाम्बर धरः, धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात



।।पूजा मंत्र।।

 

ॐ ह्रीँ श्रीँ शुक्राय नमः।

 

।।सरल मन्त्र।।

 

श्री शुक्रदेव नमः।



जप संख्या -18000

जप समय – प्रातः सूर्यदय समय



।।शुक्र स्तुति।।

 

शुक्रदेव तव पद जल जाता। 

दास निरन्तर ध्यान लगाता।।

 

हे उशना भार्गव भृगुनन्दन।

दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन।।

 

भृगुकुल भूषण दूषण हारी। 

हरहू नेष्ट ग्रह करहु सुकारी।।

 

तुहि पण्डित जोषी द्विजराजा। 

तुम्हारे रहत सहत सब काजा।।

 

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