शनि मंत्र | Shani Mantra

।।शनि मंत्र।।



||वैदिक मन्त्र||

 

ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।

शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।

 

||पौराणिक मंत्र||

 

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।

छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

 

||बीज मंत्र||

 

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः।

 

||सामान्य मंत्र||

 

ॐ शं शनैश्चराय नमः।

 

।।शनि गायत्री।।

 

ॐ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

 

||पूजा मन्त्र||

 

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः।

 

||सरल मन्त्र||

 

श्री शनिदेव नमः।



जप संख्या – 23000

जप समय – संध्याकाल



||शनि स्तुति||

 

जय श्री शनि देव रवि नन्दन। 

जय कृष्णे सौरि जगवन्द।।

 

पिंगल मन्द रौद्र यम नामा। 

बभ्रु आदि कोणस्थल लामा।।

 

वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा। 

छण महं करत रंक छण राजा।।

 

ललत स्वर्ण पद करत निहाला। 

करहु विजय छाया के लाला।।

 

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