राहु मन्त्र। Rahu Mantra

।।राहु मन्त्र।।

 

।।वैदिक मन्त्र।।

 

ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा।

कया शचिष्ठया वृता।।

 

।।पौराणिक मन्त्र।।

 

अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।

सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।



।।बीज मन्त्र।।

 

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः।

 

।।सामान्य मन्त्र।।

 

ॐ रां राहवे नमः।

 

।।राहु गायत्री।।

 

१. ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्।

२. ॐ नीलवर्णाय विद्महे सैंहिकेयाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ।

 

।।पूजा मन्त्र।।

 

ॐ ऐँ ह्रीँ राहवे नमः।

 

।।सरल मन्त्र।।

 

श्री राहुदेव नमः।



जप संख्या – 18000

जप समय – रात्रि 

 

।।राहु स्तुति।।

 

जय जय राहु गगन प्रविसइया। 

तुम ही चन्द्रादित्य ग्रसइया।।

 

रवि शशि अरि स्वर्भानू धारा। 

शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा।।

 

सैंहिंकेय निशाचर राजा। 

अर्धकाय तुम राखहु लाजा।।

 

यदि ग्रह समय पाय कहुं आवहु। 

सदा शान्ति रहि सुख उपजावहु।।

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