।।चन्द्र मन्त्र।।
।।वैदिक मन्त्र।।
ॐ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय
महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय।
इमममुष्य पुत्रममुष्ये पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी
राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां राजा।।
।।पौराणिक मन्त्र।।
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम् ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम् ।।
।।सामान्य मन्त्र।।
ॐ सों सोमाय नमः।
।।बीज मन्त्र।।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्राय नमः।
।।चंद्र गायत्री।।
ॐ अमृतंगाय विद्महे, कलारुपाय धीमहि, तन्नो सोम प्रचोदयात् ।।
।।पूजा मंत्र।।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः।
।।सरल मन्त्र।।
श्री चन्द्राय नमः।
जप संख्या – 11000
जप समय – संध्याकाल
।।चन्द्र स्तुति।।
शशि, मय, रजनीपति, स्वामी। चन्द्र, कलानिधि नमो नमामी।।
राकापति, हिमांशु, राकेशा। प्रणवत जन नित हरहु कलेशा।।
सोम, इन्दुश्, विधु, शान्ति सुधाकर। शीत रश्मि, औषधी, निशाकर।।
तुमहीं शोभित भाल महेशा। शरण-शरण जन हरहु कलेशा।।