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संपूर्ण सुन्दरकाण्ड पाठ: Sundarkand Path in Hindi

।।ॐश्रीगणेशायनमः।।।।श्रीजानकीवल्लभोविजयते।।।।श्रीरामचरितमानसपञ्चमसोपानश्रीसुन्दरकाण्ड।। ।।श्लोक।।शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम् ।।नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीयेसत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा ।।भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मेकामादिदोषरहितं कुरु मानसं च ।।अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहंदनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशंरघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।। ।।चौपाई।।जामवंत के बचन सुहाए । सुनि हनुमंत हृदय अति भाए ।।तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई । सहि […]

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श्री राम रक्षा स्तोत्रम् |Shri Ram Raksha Stotram

विनियोग:अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः ।श्री सीतारामचंद्रो देवता ।अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः ।श्रीमान हनुमान कीलकम ।श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः । अथ ध्यानम्‌:ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपदमासनस्थं,पीतं वासो वसानं नवकमल दल स्पर्धिनेत्रम् प्रसन्नम ।वामांकारूढ़ सीता मुखकमलमिलल्लोचनम्नी,रदाभम् नानालंकारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलम् रामचंद्रम ॥ राम रक्षा स्तोत्रम्:चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् ।एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम् ॥1॥ ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् ।जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ॥2॥ सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम्

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राहु बीज मंत्र । Rahu Beej Mantra

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः । ॐ रां राहवे नमः ॥ वास्तुशास्त्र के अनुसार, राहु को चंद्रमा पर छाया डालने वाले ग्रह के रूप में माना जाता है। यह हमारी कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। कुछ लोग इसे नकारात्मक प्रभाव के रूप

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अच्युतस्याष्टकम् | अच्युतं केशवं रामनारायणं (Achyutashtakam Achyutam Keshavam Ramanarayanam)

अच्युतं केशवं रामनारायणंकृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभंजानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥ अच्युतं केशवं सत्यभामाधवंमाधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् ।इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरंदेवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे ॥२॥ विष्णवे जिष्णवे शाङ्खिने चक्रिणेरुक्मिणिरागिणे जानकीजानये ।बल्लवीवल्लभायार्चितायात्मनेकंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥३॥ कृष्ण गोविन्द हे राम नारायणश्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे ।अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षजद्वारकानायक द्रौपदीरक्षक ॥४॥ राक्षसक्षोभितः सीतया शोभितोदण्डकारण्यभूपुण्यताकारणः ।लक्ष्मणेनान्वितो वानरौः सेवितोऽगस्तसम्पूजितोराघव पातु माम् ॥५॥ धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहाकेशिहा कंसहृद्वंशिकावादकः

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हनुमान गायत्री मन्त्रः | Hanuman Gayatri Mantra

हनुमान गायत्री मन्त्रः ॐ रामदूताय विध्महे वायुपुत्राय धीमहि ।तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ॥ Om Anjaneyaya Vidmahe Vayu Putraya Dheemahi Tanno Hanumat Prachodayat॥ “We pray to the son of Anjana and the son of the wind god. May Lord Hanuman inspire and enlighten us.”

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Lord Hanuman

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं | Yatra Yatra Raghunatha Kirtanam | Hanuman Mantra

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम्वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ Yatra Yatra Raghunaatha-Kiirtanam Tatra Tatra Krta-Mastaka-AnjalimVaasspa-Vaari-Paripuurnnaa-Locanam Maarutim Namata Raakssasa-Antakam ||

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Hanuman

मनोजवं मारुततुल्यवेगं | Hanuman Mahamantra

मनोजवं मारुततुल्यवेगंजितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ ।वातात्मजं वानरयूथमुख्यंश्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये । Mano-javam Maaruta-Tulya-VegamJitendriyam Buddhi-Mataam Varissttha Vaata-Atmajam Vaanara-Yuutha-MukhyamShriiraama-Duutam Sharannam Prapadye

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अर्गला स्त्रोतम्

अर्गला स्त्रोतम्। Argala Stotram

अर्गला स्त्रोतम् अथ अर्गलास्तोत्रम्ॐ अस्य श्रीअर्गलास्तोत्रमन्त्रस्य विष्णुरृषिः, अनुष्टुप् छन्दः श्रीमहालक्ष्मीर्देवता, श्रीजगदम्बाप्रीतये सप्तशतिपाठाङ्गत्वेन जपे विनियोगः। ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डेय उवाच । ॐ जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतापहारिणि । जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तुते ॥ १॥ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥ २॥ मधुकैटभविध्वंसि विधातृवरदे नमः । रूपं

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शनैश्चरस्तोत्रम्

शनैश्चरस्तोत्रम् पाठ से करे शनि देव को प्रसन्न: | Shanaishcharastotram

।। श्रीगणेशाय नमः ॥ शनैश्चरस्तोत्रम् पाठ से करे शनि देव को प्रसन्न: करे हर मुश्किल आसान। इसे भी पढ़े 👇शनि मंत्र , शनि कवच , शनि आरती

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तिथि अनुसार निषेध भोजन

तिथि अनुसार निषेध भोजन, जिनके सेवन से हो सकता है भारी नुकसान। Prohibited food by date

लग्न, मानसिक, सकारात्मक बल वृद्धि हेतु तिथियों पर इन द्रव्यों का सेवन करने से बचें। हम जानते हैं कि चन्द्रदेव के भ्रमण अनुसार प्रतिदिन तिथियाँ बदल जाती है। मुख्य रूप से तिथयों पर चन्द्रदेव का आधिपत्य है। प्रत्येक तिथि पर विभिन्न देव एवं देवियों का भी आधिपत्य है। प्राचीन समय से ऋषियों ने इन सभी

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