श्री गणेशाय नमः। श्री गायत्री नमः। श्री तारा नमः। हरे कृष्ण हरे राम।
धनतेरस के अवसर पर कभी न खरीदे यह वस्तुएँ अथवा न करें यह कार्य, झेलना पड़ता है तेरह गुना नुकसान।
धनतेरस के दिन देवासुर द्वारा किये हुए समुद्र मंथन में से जगत को पुनः श्रीलक्ष्मी की प्राप्ति हुई एवं शेष में अमृत कलश कुम्भ लेकर भगवान धन्वन्तरि का अभिर्भाव हुआ। अमृत जीवन का स्वरूप है एवं कुम्भ संरक्षण का प्रतीक है।
कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान धन्वन्तरि का आविर्भाव दिन है। इस तरह से धन तथा तेरस अर्थात धनतेरस का प्रचलन हुआ।
धन्वन्तरि देव चिकित्सक हैं तथा आयु, आरोग्य, औषधि, स्वस्थ जीवन के देव हैं। इसलिए धनतेरस के दिन सकारात्मक वस्तुओं का चयन करना सर्वदा श्रेयष्कर है। यह दिन पर स्थिर प्रकृति वाली वस्तुओं की खरीदारी करना उचित है जो हमारे परिवार, स्वजन को सुख, शांति, समृद्धि प्रदान करने में समर्थ हों।
यह दिन में शुभ कार्य करने से तेरह गुना लाभ व फल मिलेगा ऐसा मानना चाहिए। इसी तरह भूल वश कोई गलत निर्णय लेने पर नुकसान का भागीदार भी बनना पड़ सकता है।
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भूलकर भी इन वस्तुओं का चयन अथवा कार्य न करें।
- आग जलाने वाला सामान।
- शराब अथवा अन्य नशीले द्रव्य।
- चमड़े से तैयार किया गया सामान।
- रस्सी
- लोहे से बने कोई भी वस्तु
- शीशा, दस्ता इत्यादि से बने सामान।
- कांच अथवा कोई भी टूटने वाला वस्तु न खरीदें।
- संकर धातु जैसा स्टील से बना बर्तन न खरीदें।
- अस्त्र शस्त्र
- छुरी, कैंची, सुई इत्यादि
- बारूद पटाखें
- माँसाहारी भोजन
- पुराना सामान
- कोई भी मरम्मत कार्य
- कोई भी पक्षी अथवा जानवर खरीदने से बचें।
- कीटनाशक
- दूर यात्रा या प्रवास से बचना चाहिए।
- उधार देना अथवा लेना।
- जमीन बेचने से बचें।