श्री गणेशाय नमः। श्री गायत्री नमः। श्री तारा नमः।श्री गुरुवे नमः। हरे कृष्ण हरे राम।
धनतेरस पर गृह एवं उद्योग में श्रीवृद्धि करें शुभ समय पर ।
जाने धनतेरस पर्व के महात्म्य
भारतीय पञ्चाङ्ग अनुसार प्रति वर्ष कार्तिक महीना के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पालन किया जाता है। यहाँ धन का अभिप्राय धन्वन्तरि से है तथा त्रयोदश शब्द शुद्ध संस्कृत का अपब्रह्मस होकर के तेरस बन गया है।
सुस्वास्थ्य ही सम्पद है एवं सबसे बड़ा धन भी। इस तरह भगवान धनवन्तरि आयु, आरोग्य, सुस्वास्थ्य के स्वामी हैं जिनके श्रीनाम से हमें यह धन मिला।
त्रयोदशी तिथि महत्व
कृष्णपक्ष त्रयोदशी तिथि पर हर माह की शिवरात्रि तथा प्रदोष व्रत का पालन होता है। परमेश्वर महादेव एवं गौरी की आराधना होती है। इस तरह से त्रयोदशी तिथि सदा ही अति महत्वपूर्ण है।
धनतेरस एवं धन्वन्तरि, लक्ष्मी
पौराणिक मान्यता अनुसार यह तिथि पर समुद्र मंथन के समय पर अमृत कलश लिए आयु, आरोग्य एवं औषधि के देव भगवान धन्वन्तरि का आगमन हुआ। वे देवताओं के चिकित्सक हैं तथा भगवान विष्णु के ही अंश हैं।
यह तिथि पर श्रीलक्ष्मी पुनः प्रकट हुई एवं भगवान श्रीविष्णु से पुनः मिलन हुआ। इस तरह से यह तिथि परम् पुण्यशीला है।
धनतेरस पर फलश्रुति
श्रीलक्ष्मी एवं श्रीधनवन्तरि की कृपा से यह पवित्र धनतेरस की तिथि पर हर शुभ कार्य, तपस्या, आराधना, भजन, कीर्तन इत्यादि, त्रयोदश गुना अर्थात तेरह गुन अधिक फल देने में सक्षम है। स्वयं भगवान श्रीविष्णु एवं परमेश्वर महादेव की कृपा है यह तिथि पर।
देव देवी की पूजा
यह तिथि पर प्रथम पूज्य, सिद्धि दाता श्रीगणेश की पूजा सर्वप्रथम करें।
श्रीविष्णु का नाम लेकर श्रीलक्ष्मी, कुबेर, सरस्वती, धन्वन्तरि की पूजा करें।
शिवपार्वती को स्मरण करें।
प्रदोष के समय पर यह पूजा सिद्धिदायक है।
उत्तर अथवा उत्तरपूर्व दिशा में दिया अवश्य जलाएं।
जानिए वस्तु क्रय करने की प्रथा
भगवान धन्वन्तरि एक कुम्भ कलश में अमृत लेकर प्रकट हए तथा समुद्र से विभिन्न प्रकार के अलौकिक वस्तुए प्रकट हुई। इस कारण यह तिथि पर कलश, कुम्भ, शुभ धातुओं से बने बर्तन, जवाहरात, सोना, चांदी, अलंकार खरीदने की प्रथा है। मान्यता है कि बर्तन में अमृत की शुभता प्राप्त होती है जिससे गृह में सभी लोगों को आयु एवं आरोग्य की प्राप्ती होती है।
औषधि की पूजा सदा आरोग्य दायक
यह तिथि पर आयुर्वेद की पूजा करना शुभ है। भगवान धन्वन्तरि आयुर्वेद के स्वामी हैं। चिकित्सा शास्त्र उनके अधीन हैं। इस तिथि पर आयु, आरोग्य, स्वस्थ शरीर, स्थिर मन, धन की वृद्धि तथा समृद्धि के लिए धन्वन्तरि की आराधना श्रेष्ठ है। तुलसी एवं अन्य जड़ी बूटी तथा औषधियों की पूजा करना शुभ फलदायक है।
त्रयोदशी तिथि एवं धनतेरस पूजा समय एवं खरीदारी
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ | त्रयोदशी तिथि समाप्त |
---|---|
02.11.2021 | 03.11.2021 |
मंगलवार | बुधवार |
सुबह 11:31am | सुबह 09:03 am |
(*मुहूर्त मुम्बई मानक समय अनुसार। सूक्ष्म समय हेतु स्थानीय पञ्चाङ्ग का सहारा लें)
विशेष:
- साधारणतः त्रयोदशी तिथि आरंभ होने पर कभी भी खरीदारी की जा सकती है।
- त्रयोदशी के संध्या काल में अर्थात प्रदोष काल में श्रीगणेश, श्रीलक्ष्मी, श्रीसरस्वती, इंद्रदेव, श्रीकुबेर की पूजा सर्वश्रेष्ठ है।
- श्रीलक्ष्मी वाहन श्रीपेचक की पूजा अवश्य करें। यह गुप्त धन, आकस्मिक धन लाभ का कारक है। यह श्रीलक्ष्मी को लेकर उड़ते हैं। श्रीलक्ष्मी को स्थिर करने हेतु इन्हें संतुष्ट करना अति आवश्यक है।
इस बार त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन होने से भौम प्रदोष है।
(प्रदोष काल सूचना- कोई भी स्थानीय प्रदेश में सूर्यास्त होने से लगभग बीस मिनट पहले का समय तथा सूर्यास्त के पश्चात लगभग बीस मिनट बाद के समय को प्रदोष काल कहा जाता है।)
धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त:
02.11.2021, मंगलवार
शुभ मुहूर्त- संध्या 07:40 pm से रात 9:00 pm
अति शुभ मुहूर्त- संध्या 07:40 pm से रात 8:00 pm
स्थिर लग्न वृषभ: संध्या 06:50 pm से रात 08:50 pm
लाभ: संध्या 07:36 pm – रात 09:11 pm
बृहस्पति होरा: संध्या 07:04 pm से रात 08:07 pm
मंगल होरा: संध्या 08:07 pm से रात 09:11 pm
(विशेष: ज्योतिष शास्त्र अनुसार बृहस्पति धन एवं ज्ञान के कारक ग्रह हैं। मंगल भूमि एवं ऋण के कारक ग्रह है।)
👉 श्रीलक्ष्मी मन्त्र
👉 श्रीकुबेर मन्त्र
👉 श्री विष्णु स्त्रोत्र
वस्तु खरीद करने का शुभ समय
02.11.2021, मंगलवार
- अभिजीत मुहूर्त- 11:59 am से 12:44 pm
- 03:11 pm से 04:07 pm
- 07:40 pm से 08:00 pm(अधिक शुभ)
- 07:40 pm से 09:00 pm
👉 धनतेरस पर कभी न खरीदे यह वस्तुएँ, झेलना पड़ता है तेरह गुना नुकसान
इन्हें खरीदें
- स्वर्ण एवं आभूषण।
- चांदी एवं आभूषण।
- पीतल, कांस, चांदी, तांबा के बर्तन।
- शंख खरीदें
- गणेश लक्ष्मी सरस्वती चित्र अथवा छोटी मूर्ति
- गोमतीचक्र खरीदें
- रुद्राक्ष खरीदें
- पारद शिवलिंग, स्फटिक श्रीयंत्र
- स्वास्थ्य बीमा
- आवश्यक औषधियाँ
- शेयर, निवेश इत्यादि
- स्थिर वस्तु एवं संपत्ति क्रय लाभदायक है।
सामाजिक संदेश
धनतेरस पर चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मान प्रदान करें। उनके द्वारा समाज में दिए हुए सेवा की कद्र करते हए उन्हें धन्वन्तरि का दूत समझना उचित है।