।।सूर्य मंत्र।।
वैदिक मन्त्र
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् ।।
पौराणिक मन्त्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोहरि सर्वपापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरम्।।
बीज मंत्र
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः।
सामान्य मन्त्र
ॐ घृणि सूर्याय नमः।
।।सूर्यगायत्री मन्त्र।।
१. ॐ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात् ।
२. ॐ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात् ।
पूजा मन्त्र
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
सरल मन्त्र
श्री सूर्याय नमः।
जप संख्या: 7000
जप समय: प्रातः काल
।।सूर्य स्तुति।।
प्रथमहि रवि कहं नावौ माथा। करहु कृपा जन जाति अनाथा।।
हे आदित्य दिवाकर भानू। मैं मति मन्द महा अज्ञानू।।
अब निज जन कहं हरहू कलेशा। दिनकर द्वादश रूप दिनेशा।।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकार। अर्क मित्र अघ ओघ क्षमाकर।।